बैकुंठ शुक्ल और योगेंद्र शुक्ल की कहानी पढ़ेंगे बच्चे, मिली स्वीकृति

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  • लालगंज: अमर शहीद बैकुण्ठ शुक्ल एवं शेरे बिहार योगेन्द्र शुक्ल की जीवनी व शहादत की कहानी अब राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के पाठ्य पुस्तकों के माध्यम से बच्चे पढ़कर प्रेरणा लेंगे। नई शिक्षा नीति में शामिल करने की इस मांग को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने मंजूरी दे दी है।
    नई शिक्षा नीति में अमर शहीद बैकुण्ठ शुक्ल एवं शेरे बिहार योगेन्द्र शुक्ल की जीवनी व शहादत की कहानी को शामिल करने की मांग शहीद बैकुण्ठ शुक्ल स्मृति मंच ने उठाई। इस मांग को लेकर स्मृति मंच ने राज्यसभा सांसद सह अध्यक्ष स्थायी शिक्षा समिति विवेक ठाकुर को 17 जनवरी को मांग पत्र भी दिया। स्मृति मंच की मांग पर सांसद ने 18 जनवरी को अपने पत्र के माध्यम से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के समक्ष पुरजोर तरीके से मांग रखी।

  • सांसद की मांग पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद ने पत्रांक डी ई एस एस 428 दिनांक 23-03-2023 के माध्यम से अपने पत्र द्वारा इस मांग को स्वीकृति प्रदान करने हुए इसको पाठ्य पुस्तकों में शामिल करने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम को तक्षण सहमति दिलाने के लिए शहीद बैकुण्ठ शुक्ला स्मृति मंच के अध्यक्ष अमरेश कुमार, संरक्षक मनोज शुक्ला, महामंत्री अभिजीत कुमार विक्की, कोषाध्यक्ष सह वैशाली सांसद प्रतिनिधि अखिलेश कुमार सिंह कन्हैया, सचिव इंद्रजीत शुक्ला, उपाध्यक्ष राजन कुमार सिंह व रजनीश कुमार सिंह, मंत्री रत्नेश कुमार टिंकू व प्रियदर्शिनी दुबे, कार्यसमिति सदस्य सुकेश कुमार, शशिनाथ शुक्ला आदि ने माननीय राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर के प्रति आभार प्रकट किया।

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