वैशाली प्रशासन और जदयू विधायक का अनोखा कारनामा, अंधेर नगरी व घोटाला

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एम्बुलेंस के नाम पर सवारी गाड़ी…सवारी गाड़ी को एम्बुलेंस बता कर विधायक से करा डाला उद्घाटन…
विधायक ने भी एम्बुलेंस समझकर दिखा दी हरी झंडी…यह करामात कराया है वैशाली प्रशासन ने..
प्रशासन ने अपनी वाहवाही लूटने के लिए मुख्यमंत्री परिवहन योजना से बिहार को एम्बुलेंस देने वाला पहला प्रखण्ड बनाने के चक्कर में आनन फानन में ऐसा कारनामा कर दिखाया। हद तो तब हो गयी जब सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले जदयू विधायक सिद्धार्थ पटेल आँख पर पट्टी बांधकर प्रशासनिक करामात का हिस्सा बन गए।

इस एम्बुलेंस की हकीकत हम अपने कैमरे के जरिये आपको दिखाते हैं...

गाड़ी के सामने की सीट।

अब जरा पिछले सीट को देखिए…आराम से बैठने की पूरी व्यवस्था है…कही से भी आपको एम्बुलेंस नहीं नजर आएगा…एम्बुलेंस जैसी कोई व्यवस्था नहीं…फिर भी मिल गयी हरी झंडी..


वाकई अंधेरी नगरी चौपट राजा वाली कहावत यहाँ चरितार्थ होती दिख रही है। इस तथाकथित एंबुलेंस को वैशाली विधायक सिद्धार्थ पटेल ने भी बिना मुआयाना किए हरी झंडी दिखा दी। हालांकि जब प्रशासन का यह कारनामा कैमरे की जद में आगया तो इस बदनामी का ठीकरा कोई भी अपने मत्थे लेने को तैयार नहीं हुआ। यही वजह है कि कोई भी इस मसले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।


बहरहाल वैशाली जिला के गौरौल प्रखंड के इस कारनामें पर क्या कार्रवाई होती है यह तो आने वाला वक्त बताएगा मगर विभाग की इस हरकत ने विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा जरूर दे दिया है…


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