लॉक डाउन में बिहार लौट रहे मजदूरों को ‘प्रवासी’ कहकर संबोधित करने पर VAISHALI TODAY सबसे पहले आपत्ति जाहिर की और इस शब्द पर हीं ‘जाने अपने गांव घर में हीं कैसे बन गए प्रवासी’ शीर्षक से EXCLUSIVE REPORT भी दिखायी। इस रिपोर्ट के जरिये सरकार के कानों तक यह बात पहुंचाने कि कोशिश की गई कि कोरोना महामारी के कारण अपने गांव-घर लौट रहे मजदूरों को ‘प्रवासी’ कहना गलत है क्योंकि अपने गांव घर के लिए कोई प्रवासी नहीं होता। VAISHALI TODAY की यह पहल रंग लायी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस शब्द को कोट किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन जून को अपने वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी बिहार लौट रहे मजदूरों के लिए ‘प्रवासी’ शब्द का प्रयोग करने पर आपत्ति जाहिर किया। उन्होंने यहाँ तक कहा कि पूरा देश एक है ऐसे में काम की तलाश में किसी भी राज्य में आने जाने वाले मजदूर प्रवासी कैसे कहे जा सकते हैं।
जाहिर सी बात है कि VAISHALI TODAY ने मजदूर को अपना समझा, कभी भी प्रवासी नहीं समझा और इसी वजह से इस शब्द पर आपत्ति जाहिर की जिसका समर्थन सरकार ने भी किया।
हालांकि नीतीश कुमार के इस बयान पर अब राजनीति शुरू हो गयी है। मुख्यमंत्री के इस बयान पर राजद ने पलटवार करते हुए कहा कि दूसरे प्रदेश से बिहार लौटने वाले मजदूरों के लिए प्रवासी शब्द का उपयोग सरकार द्वारा हीं शुरू किया गया था और अब नीतीश कुमार इस शब्द को लेकर पलट गए है। आपत्ति जाहिर करते हुए पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा कि अपने बातों से पलटना इनकी पुरानी आदत है।