देश को आजाद कराने में और आजादी की लड़ाई में फांसी के फंदे पर झूलने वाले पहले बिहारी लालगंज के जलालपुर निवासी बैकुंठ शुक्ला की यादों को संजोने की पहल शुरू हो गई। किसी कारणवश सरकार की नजर नहीं गई मगर स्थानीय लोग, स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रखंडस्तरीय अधिकारी अब जागरूक हो रहे है।
बैकुंठ शुक्ल की शहादत के तकरीबन 88 वर्ष बाद प्रखंड प्रमुख सुधा देवी की पहल पर गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले झंडोत्तोलन और ध्वजारोहण जैसे कार्यक्रम को सरकारी सूची में शामिल कर लिया गया है। लंबे अरसे बाद आमजनों की मांग पर प्रखण्ड प्रमुख सुधा देवी ने लालगंज बीडीओ को एक पत्र दिया। जिसपर बीडीओ पुलक कुमार ने अनुमोदन करते हुए अमर शहीद स्व बैकुंठ शुक्ल के स्मारक स्थल जलालपुर को शामिल किया।
शहीद बैकुण्ठ शुक्ल स्मृति मंच ने उठाई थी मांग
शहीद बैकुण्ठ शुक्ला स्मृति मंच के अध्यक्ष अमरेश कुमार, संरक्षक मनोज शुक्ला, महामंत्री अभिजीत कुमार विक्की, सचिव इंद्रजीत शुक्ला, कोषाध्यक्ष सह वैशाली सांसद प्रतिनिधि अखिलेश कुमार सिंह कन्हैया, उपाध्यक्ष रजनीश कुमार सिंह व राजन कुमार सिंह समेत सभी सदस्यों ने यह मांग की थी। जिसपर प्रमुख सुधा देवी,प्रमुख पति जितेन्द्र राय,समाजसेवी विनोद पंजियार,प्रमोद पंजियार समेत कई समाजसेवियों ने अपना समर्थन दिया।
सूची में शामिल करने के लिए प्रमुख और बीडीओ का जताया गया आभार
बीडीओ पुलक कुमार ने शहीद बैकुण्ठ शुक्ला स्मृति स्थल जलालपुर में सुबह 11:30 बजे झंडोत्तोलन का समय आवंटित किया। शहादत के 88 वर्ष बाद सरकारी सैल्यूट के साथ झंडोत्तोलन किये जाने की खबर मिलते ही जलालपुर गांव में खुशियों की लहर दौड़ गई । शहीद बैकुण्ठ शुक्ला के भतीजे शशिनाथ शुक्ला,शेरे बिहार योगेन्द्र शुक्ल की पुत्रवधू शारदा देवी,उनके पौत्र देवमित्र शुक्ल, आचार्य चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी,पूर्व मुखिया रामशेखर शुक्ला, कौशल्या देवी,रामदास राय,विनय राय समेत काफी संख्या में लोगों ने आभार प्रकट किया।