बिहार के वैशाली जिले के लालगंज में जिस कोरोना संदिग्द्ध के बारे में सरकारी दावा किया जा रहा था कि उसे आइसोलेशन वार्ड में रखकर आइसोलेट किया जा रहा है। वह अपने गांव के चौक- चौराहो पर में घूम-घूमकर दाढ़ी-केश कटवा रहा था। बैंक से पैसे निकाल रहा था। मामले का खुलासा तब हुआ तब उस संदिग्द्ध का रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आया। रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन की इस बड़ी लापरवाही के खिलाफ गाँव में रोष व्याप्त हो गया और मंगलवार को जब डॉक्टर की टीम उस गाँव में मरीज को लेने आई तो ग्रामीणों ने टीम को बंधक बना लिया और जमकर खड़ी-खोटी सुनाते हुए वरीय अधिकारी को बुलाने की मांग करने लगे। ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले की जांच हो और लापरवाह अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
क्या है पूरा मामला
दअरसल दो दिन पूर्व इसी सेंटर के एक प्रवासी का रिपोर्ट पॉजिटिव आया था जिसके बाद उस कमरे में ठहरे अन्य नौ लोगों को भी जाँच के लिए भेजा गया था। जिस नौ प्रवासियों को जाँच के लिए भेजा गया,सोमवार को उसमें से आठ लोगों का रिपोर्ट पॉजिटिव आया है। सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बारे में प्रशासन दावा किया जा रहा था कि उन्हें आइसोलेशन वार्ड हाजीपुर में रखकर आइसोलेट किया जा रहा है।
प्रशासन के दावों की ग्रामीणों ने निकाली हवा
सभी आठों मरीजों के बारे में प्रशासनिक दावा किया जा रहा था कि उनको कोरन्टीन सेंटर से आइसोलेशन वार्ड हाजीपुर भेज दिया गया और वही आइसोलेट किया जा रहा है मगर सच्चाई तब सामने आई जब उसका रिपोर्ट पॉजिटिव आया इस बात की जानकारी ग्रामीणों को हुई। जिसके बाद रंजीत कुमार,रमेश साह ,मोहन सिंह,बिकाश कुमार,दिनेश सिंह,मो जहीर मिया,सुरेंद्र साह, किरण देवी,सेविका,प्रमोद कुमार शिक्षक, ग्रामीणों ने प्रशासनिक दावे को गलत साबित करने के लिए प्रमाण तक जुटाना शुरू कर दिए। ग्रामीणों ने प्रमाणित कर दिया कि वह आइसोलेशन वार्ड में नहीं था बल्कि वह अपने घर में रह रहा था और अपने काम को लेकर चौक चौराहों पर भी आता जाता था। इतना ही नहीं वह दाढ़ी- बाल बनवाने के लिए सैलून भी गया और पैसे निकालने के लिए मलंग हाट पर स्थित ग्राहक सेवा केंद्र भी सोमवार को शाम में पहुंचा और पैसा भी निकासी किया। जिसके प्रमाण के रूप में पूर्व पैक्स अध्यक्ष ने ग्राहक सेवा केन्द्र से की गई पैसा निकासी का रसीद दिखाया।
गांव में पहुंची मेडिकल टीम को ग्रामीणों ने बंधक बनाया
ग्रामीणों ने जब प्रमाण भी इकट्ठा कर लिया तो प्रशासनिक महकमे को फोन कर इसकी जानकारी दी जिसके बाद डॉक्टर और अधिकारी के पैरों तले जमीन खिसक गई। आनन-फानन में रेफरल अस्पताल प्रभारी डॉ शशिभूषण प्रसाद मेडिकल टीम के साथ उस गांव में पहुंचे मेडिकल टीम को देख ग्रामीण उग्र हो गए और उन्हें घंटों बंधक बनाए रखा और जिला की टीम बुलाने की मांग करने लगे जिसके बाद डॉक्टर अनिल कुमार के नेतृत्व में जिला की मेडिकल टीम मौके पर पहुंची।
गांव को कन्टेन्ट जॉन में बाँटने की तैयारी
मरीज के संपर्क में आने वाले उसके परिवार के सदस्य, जिस दुकान पर दाढ़ी बनबाया,उस नाई समेत
सभी का सैम्पल लेने के लिए सदर अस्पताल भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई । इतना ही नहीं मौके पर गांव को सैनिटाइज करने के लिए एक गाड़ी भी आई और गांव को सैनिटाइज करना शुरू कर दिया। जिसके बाद मामला शांत हुआ।
16 लोगों का सैम्पल लिया जा रहा है
रेफरल अस्पताल प्रभारी डॉ शशिभूषण प्रसाद ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने वाले 16 लोगों का सैम्पल लिया जायेगा। जिसमें से नौ लोगों को मंगलवार को हीं सदर अस्पताल हाजीपुर भेज दिया गया वहीं सात लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है जिसका सैम्पल लेने के लिए मेडिकल टीम आएगी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर गांव में भी जाँच टीम भेजा जा सकता है।