सावन का महीना पावन होता है। भक्तों पर असीम कृपा बरसाने वाले बाबा भोलेनाथ इस माह में भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ यदि उन्हें याद किया जाए, तो अपने भक्तों की सहायता के लिए वह दौड़े चले आते हैं। बाबा भक्तों के कष्ट को हर लेते हैं।
सावन की तीसरी सोमवारी के अवसर पर बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत ने बाबा हरिहर नाथ मंदिर के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि कैलाश पर्वतवासी भगवान शिव और माता पार्वती भगवान कार्तिकेय एवं भगवान गणेश के साथ जगत में सब का कल्याण करते हैं। उन्होंने कार्यक्रम में भगवान शिव से जुड़े भजन और लोकगीत से भक्ति की धारा बहा दी।
प्रथम पूज्य देव भगवान गणेश की आराधना करते हुए लोक गायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत ने भक्ति गीत प्रस्तुत किया। नीतू नवगीत ने चलेली गंगोत्री से गंगा मैया जग के करे उद्धार गीत गाते हुए मां गंगा की स्तुति की। उन्होंने भोलेनाथ की महिमा का बखान करते हुए अनेक मनभावन गीत प्रस्तुत किए। उन्होंने मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा और भोला के देखेला बेकल भइले जियरा गाकर सुनाया।
उन्होंने कहा कि हम सभी भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए व्याकुल हैं। हम सभी अपने घर में रहकर ही बाबा भोलेनाथ की महिमा का गान करें और बाबा हरिहर नाथ का आशीर्वाद प्राप्त करें । उन्होंने गांवे-घर में करीह जलढरिया हो बम गा कर सुनाया। बाबा भोलेनाथ भजन-कीर्तन से भी खुश होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। नीतू नवगीत ने भगवान शिव के संगीतकार रूप की महिमा का गान करते हुए डिम डिम डमरू बजावे ला हमार जोगिया गाया, जिसे श्रोताओं ने खूब पसंद किया।
भक्ति कार्यक्रम में नीतू नवगीत ने का ले के शिव के मनाई हो, शिव मानत नाहीं, लड्डू और पेड़ा शिव के मन वो ना भावे, भांग धतूरा कहां पाई हो शिव मानत नाहीं गाकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया। फिर उन्होंने सावन के आईल बा महीनवा चल सखी शिव के पुकारे, खोली नहीं मातल हो नयनवा शिव शंकर दानी, बाबा बैजनाथ हम आयल छी भिखारिया अहां के दुअरिया ना सहित अनेक लोकप्रिय गीत और भजन गाए।
उन्होंने शिव विवाह का गीत डर लागे छी हमरा डर लागे छी और शिव के बरतिया अगले गौरा के नगरिया सब रंग पियरे पियरे गाकर श्रोताओं को झुमाया। कार्यक्रम में सुजीत कुमार ने हारमोनियम पर, मनीष उपाध्याय ने खंजरी पर और राजन कुमार ने तबला पर संगत किया। हजारों श्रोताओं ने कार्यक्रम को सुना।