मानव होना भाग्य है, कवि होना सौभाग्य
प्रसिद्ध गीतकार गोपाल दास नीरज की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर सांस्कृतिक संस्था नवगीतिका लोक रसधार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शहर के अनेक साहित्यकारों और कलाकारों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। संस्था की सचिव डॉक्टर नीतू कुमारी नवगीत ने गोपालदास नीरज को गीतों का राजकुमार बताते हुए कहा कि लगभग चार दशकों तक गोपालदास नीरज काव्य मंचों की गरिमा को बढ़ाते रहे। आकाशवाणी के पूर्व निदेशक डॉ किशोर सिन्हा ने कहा कि गोपाल दास नीरज की रचनाएं सुन-सुना कर कई पीढ़ियों ने प्रेम करना सीखा । पटना पुस्तक मेला में जिन रचनाकारों की पुस्तके सबसे ज्यादा बिका करती हैं उसमें गोपालदास नीरज एक हैं । संस्कृति कर्मी अविनाश कुमार झा ने कहा कि गोपाल दास नीरज ने अनेक फिल्मों के गीत भी लिखे। सबसे पहले उन्हें नई उमर की नई फसल में ब्रेक मिला था। उन्हें 1970,1971 और 1972 में लगातार तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए नामित किया गया। फिल्म चंदा और बिजली के गीत काल का पहिया घूमे रे भैया के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार मिला भी। कवि नीरज खुद कहते थे कि आत्मा के सौंदर्य का शब्द रूप है काव्य । मानव होना भाग्य है, कवि होना सौभाग्य ।
अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि गोपालदास नीरज कभी पुरस्कारों के पीछे नहीं भागे। फिर भी लगातार सम्मानित होते रहे। भारत सरकार ने उन्हें पहले पद्मश्री और बाद में पद्मभूषण से सम्मानित किया। उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का यश भारती पुरस्कार और विश्व उर्दू परिषद पुरस्कार सहित सैकड़ों सम्मान प्राप्त हुए। बस यही अपराध में हर बार करता हूं और ए भाई जरा देख के चलो जैसे गीत जन-जन की जुबान पर चढ़े।
वरिष्ठ कवि और साहित्यकार सिद्धेश्वर ने कहा कि गोपालदास नीरज अनुभूति, प्रेम, विरह और प्रकृति के कवि रहे। उनकी रचनाओं में जीवन की कशमकश को देखा जा सकता है।
कार्यक्रम में कलाकारों ने गोपालदास नीरज द्वारा लिखे गए गीतों की प्रस्तुति की।लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने प्रेम पुजारी का नीरज लिखित गीत-ओ रंगीला रे, तेरे रंग में… और फिल्म कन्यादान का गीत- लिखे जो खत तुझे वह तेरी याद में . . . गीत गाया। कार्यक्रम में अनिल कुमार ने हारमोनियम पर, राजन कुमार ने तबला पर और संजीव कुमार ने खंजरी पर संगत किया।