अक्षर-अक्षर मिलकर शब्द बनते हैं और शब्दों के सार्थक मिलन से वाक्य का निर्माण होता है। कई वाक्य आपस में मिलकर जब कोई सुंदर संदेश देने लग जाते हैं, तो विचार कहलाते हैं। जो विचार मन-मस्तिष्क पर गलत प्रभाव डालें, उन्हें कुविचार माना गया है। सुंदर विचारों से जीवन बेहतर बनता है। यदि विचारों को लिखकर रख लिया जाए तो जीवन और भी बेहतर बनता है। लगातार अभ्यास करके हम अपने विचारों को सुंदर बना सकते हैं।
स्थिति हमारे अनुकूल हो या प्रतिकूल। मन में विचार आते रहते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों में तो खासकर तरह-तरह के विचार मन में उसी तरह उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं जैसे सावन के महीने में बादल। बादलों में पानी होता है। बरसात होने पर यही पानी धरती की प्यास बुझाती है। विचारों में मन की प्यास बुझाने की क्षमता होती है। विचारों से नई दृष्टि मिलती है। इसलिए विचारों की अभिव्यक्ति आवश्यक है। यह मौखिक भी हो सकती है और लिखित भी। जब हम विचारों को मौखिक रूप से अभिव्यक्त करते हैं तो कुछ लोग ही सुन पाते हैं। फिर बात आई-गई हो जाती है। इससे दीर्घकालिक लाभ प्राप्त नहीं होता। यदि आप चाहते हैं कि आपके मन में उपजा कोई विचार लंबे समय तक आपका और समाज का साथ देता रहे, तो लिखने की आदत डालिए। जब आप विचारों को लिख लेते हैं, तो वह लंबी अवधि के लिए ग्राह्य हो जाते हैं। फिर आवश्यकता पड़ने पर उसे बार-बार पढ़ा और अभिव्यक्त किया जा सकता है। कोई विचार कितना भी मौलिक क्यों न हो, लंबे समय तक उसे मौखिक रूप से याद रखना दुष्कर कार्य है। उसे लिखित रूप दे देने पर सहेजने का काम सहज हो जाता है।
विचारों के साथ-साथ अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को भी लिपिबद्ध किया जा सकता है। घटनाओं को लिख लेने से दस्तावेज का निर्माण होता है जिसका प्रयोग भविष्य में रेफरेंस बुक के रूप में भी किया जा सकता है। हम सब का जीवन विशेष होता है। जब हम प्रयास करते रहते हैं तो मंजिल पर भी पहुंचते हैं। हमारे कई मित्र और संबंधी सफलता के ऊंचे शिखर को भी छू सकते हैं। ऐसे में उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं का लिखित दस्तावेज भविष्य में कोई अच्छी पुस्तक का रूप ले सकता है। संभावनाएं अनंत होती है। किसने सोचा होगा कि रामेश्वरम के एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार में जन्म लेने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक दिन मिसाइल मैन के रूप में विख्यात होने के बाद देश के राष्ट्रपति बनेंगे और फिर करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत, लेकिन ऐसा हुआ। इसलिए जब भी कोई महत्वपूर्ण घटना घटित हो, उसे लिखकर सहेज लें।
जीवन में कई बार सब कुछ सही नहीं जा रहा होता है। सच्चे मन से प्रयास करने के बाद भी असफलता हाथ लगती है जिससे तनाव बढ़ता है। असफलता के तनाव से जीवन में नकारात्मकता भी बढ़ती है। ऐसी परिस्थितियों में कई तरह के विचार मन में आते हैं। इन विचारों को कागज पर लिख लेने से नकारात्मकता कम होती है और हम समस्या को अलग-अलग अंदाज में देखने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। जीवन में सब कुछ बढ़िया चल रहा हो तो हमें लिखकर उन लोगों के प्रति आभार प्रकट करना चाहिए जिनकी मदद से हमारे जीवन में सफलता और आनंद की प्राप्ति हुई है। ऐसा करने से विचारों में सकारात्मकता आती है।
लिखने के और भी ढेर सारे फायदे हैं। जब हम समुचित विचार कर लेने के उपरांत अपने लक्ष्यों को लिख लेते हैं, तो लक्ष्य में स्पष्टता आ जाती है। हमें किधर जाना है, किन संसाधनों को एकत्रित करना है, कैसे लोगों की संगत में रहना है? लक्ष्य को स्पष्ट रूप से लिख लेने के बाद इस प्रकार के प्रश्नों उत्तर प्राप्त हो जाते हैं। कई बार एक समस्या के कई समाधान दिखते हैं। हम उनमें से किसी एक पर काम करते हैं। लेकिन, बाकी समाधान भी कम महत्वपूर्ण नहीं होते। यदि इन्हें लिखकर रख लिया जाए, तो ये समाधान भविष्य की समस्याओं को सुलझाने में काम आ सकते हैं। जिन रास्तों पर चलने से मंजिल प्राप्त होती है, उनके बारे में लिखने से दूसरों का मार्गदर्शन होता है। हर सफल व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि सफल होने के बाद वह दूसरों को सफल होने के लिए मदद और मार्गदर्शन करे। लिखने की आदत को अपनी जीवनशैली में शामिल करके आप अपना और जग का भला एक साथ करते हैं।
दिलीप कुमार, भारतीय रेल यातायात सेवा के वरिष्ठ अधिकारी सह कवि, लेखक, मोटिवेशनल गुरु.