गंगा के बाद अब गंडक की कोरोना जांच शुरू, इंसानों के बाद पानी में भी कोविड संक्रमण

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एक बड़ी महामारी ने भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया। जिसका नाम कोरोना यानी कोविड 19 दिया गया। इसके उद्गम को लेकर कई तरह के विवाद भी हुए। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन और वहां के वुहान सिटी में बने लैब को जिम्मेवार बताया गया। खैर यह वायरस कहीं से भी आया हो भारत में इंसानों के लिए जानलेवा साबित हुआ।
बीते दो सालों की बात करें तो हर दिन लाखों लोगों की कोरोना जांच की गई। हर दिन हजारों लोग मरते रहें, मगर इस बार कुछ महीने पहले की बात करें तो जैसे ही बिहार के बक्सर में गंगा नदी में असंख्य लाशों के मिलने का सिलसिला शुरू हुआ तो कई सारी बातें निकल कर सामने आई।


इनमें उत्तर प्रदेश के ऐसे जिले व गांव जो गंगा नदी किनारे बसे हैं वहाँ कोरोना संक्रमितों की लाशों को नदी में फ़ेंकने की बात कही गई, जो गंगा नदी की तेज धारा में बहकर बिहार के बक्सर तक पहुँच गयी। जिस पर जमकर बवाल भी हुआ। फिर लोगों को गंगा मइया की शुद्धता पर संकट के बादल मंडराते दिखे। जिसके बाद गंगाजल का कोरोना जांच का सिलसिला शुरू हुआ। नमामि गंगे परियोजना से सफाई अभियान का आगाज हो गया। हालांकि इस बीच बनारस हिंदू विश्व विद्यालय के वैज्ञानिकों के मुताबिक गंगा में पाई जाने वाली औषधीय गुणों के कारण गंगाजल का रिपोर्ट कोरोना निगेटिव बताया गया।


इसी के तर्ज पर वैशाली जिले के लालगंज के रास्ते हाजीपुर तक जाने वाली नारायणी यानी गंडक नदी की भी सरकार को याद आगयी। जिसके बाद बीते मई महीने से अबतक दर्जनों बार कोरोना जांच के लिए सैम्पल लिया गया। यह सैम्पल लालगंज के बसन्ता जहानाबाद और बलहा महादेव घाट समेत अन्य कई जरूरी स्थान से लिए गए।


लालगंज जल संसाधन विभाग के SWA आनंद कुमार ने बताया कि गंडक नदी में कोरोना की स्थिति जांचने के लिए अब तक कई बार सैम्पल लिए गए हैं। इसके लिए करीब 1 लीटर 6 सौ एमएल पानी गंडक नदी से लिया जाता है। जिसे पटना लैब में जांच के लिए भेजा जा चुका है। विभागयी सूत्रों के मुताबिक 12 जुलाई को एक बार फिर से गंडक नदी की कोरोना जांच के लिए सैम्पल लिए जाने की संभावना है। मगर बेचैनी की बात यह है कि लालगंज गंडक नदी से अबतक जितने भी सैम्पल लिए गए आजतक उसका रिपोर्ट विभाग के स्थानीय कार्यालय में नहीं पहुंचा जो थोड़ी सी चिंता का विषय है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर विभाग के SWA आनंद कुमार ने वरीय अधिकारियों का हवाला देकर कैमरे पर आने से मना कर दिया। फिर बाद यह कहकर बात को टाल दिया कि मेरा काम सिर्फ सैम्पल लेना है। इसके आगे की जिम्मेवारी वरीय अधिकारी और विभाग की है।


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