केंद्र सरकार की ओर प्रखंड स्तर पर लगाया गया ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन किसानों के लिए हाथी का दांत साबित हो रहा। ताजा मामला वैशाली जिले के लालगंज प्रखंड का है जहां प्रखंड मुख्यालय परिसर में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन का निर्माण तो कराया गया लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी वह सुचारू रूप काम नहीं कर पा रहा है। जिस कारण मॉनसून में यह यंत्र शोभा की वस्तु बनकर रह गयी। और अब इस पर जंगली घास खर पतवार का कब्जा हो गया है। यह प्रशासनिक लापरवाही का ही नतीजा है कि जिस यंत्र को मौसम का सही पूर्वानुमान कर किसानों को खेती में लाभ पहुँचाना चाहिए वह यंत्र जंगल झार में डूबता जा रहा है। जिसकी सुधि न जिला प्रशासन को है और ना ही अब सरकार इसे संज्ञान में ले रही है।
ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन से न सिर्फ किसानों को लाभ होता बल्कि आपदा विभाग भी स्थानीय स्तर पर जानकारी जुटाकर बड़ी से बड़ी समश्या ने निपट सकती थी। मगर सरकारी लापरवाही के कारण लाखों रुपये का यह प्रोजेक्ट अब जंग खा रहा है। लालगंज के किसान श्री नवाजे गए ओम प्रकाश शुक्ला ने बताया कि ऑटमेटिक वेदर स्टेशन महज दिखावा बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन का इस पर ध्यान होता तो न सिर्फ सरकारी राशि का सदुपयोग होता बल्कि किसानों को इसका बड़ा लाभ मिलता और किसान नुकसान के बदले मुनाफे की खेती कर पाते।
वहीं खेती के क्षेत्र में जगजीवन राम पुरस्कार, किसान सम्राट पुरस्कार, नेशनल सिल्वर मेडल, ईनोवेटिव फार्मर अवार्ड समेत दर्जनों पुरस्कार से सम्मानित किसान जितेंद सिंह का कहना है कि पटना से जो मौसम विभाग का पूर्वानुमान बताया जाता है कई बार उसका स्थानीय स्तर पर किसानों को कोई लाभ नहीं होता। जिस कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। आपको बता दें कि आटोमेटिक वेदर स्टेशन के चालू हो जाने से बारिश कब होगी, बारिश हुई तो कितनी मात्रा में हुई, हवा का गति कितनी है, इसका दबाव कितना, तापमान की क्या स्थिति है, आद्रता कितनी है समेत ऐसी कई महत्वपूर्ण जानकारी लोगों को प्रखंड स्तर पर मिल सकती है।
प्रशासनिक पदाधिकारियों की माने तो प्रखंड मुख्यालय परिसर में लगाए गए यंत्र को चालू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। लालगंज प्रखंड मुख्यालय में बने ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की देखरेख कर रहे अधिकारी नंदलाल चौधरी ने बताया कि इसे चालू करने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। इसकी जानकारी जिला प्रशासन को भी दी गई है। साथ ही केंद्र सरकार को भी अवगत कराया गया है। लेकिन यह कब तक शुरू हो पाएगा इसका जवाब अधिकारियों के पास भी नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके चालू होने से किसानों के साथ साथ आपदा प्रबंधन विभाग को भी काफी लाभ होगा। मगर हालात यही रहा और प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली तो लाखों की राशि से बना ऑटमेटिक वेदर स्टेशन बर्बाद हो जाएगा।