राजद के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले नेताओं का एक के बाद एक पार्टी पद से इस्तीफा देना आगमी बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी हेरफेर या पार्टी से बड़ी नाराजगी का संकेत दे रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को पार्टी के कद्दावर नेता सह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और वैशाली के पूर्व सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने बीमारी हालत में ही पार्टी पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे जिला से लेकर प्रदेश तक में हलचल मच गया। हालांकि पार्टी ने अभी तक इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया है। पार्टी की महिला प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष मंजू सिंह के मुताबिक पूर्व लोजपा नेता रामा सिंह के पार्टी में आने से वे नाराज चल रहे थे। विदित हो कि इससे पूर्व राजद के पांच विधान पार्षदों ने भी इस्तीफा दिया था।
2014 से ही रामा सिंह और रघुवंश बाबू के बीच मचा है घमासान
सूत्रों की माने तो पूर्व लोजपा नेता रामा सिंह राजद के सम्पर्क में है। यही वजह है कि रघुवंश बाबू नाराज है। उनकी नाराजगी इसी हद तक चली गई कि उन्होंने पार्टी की दो महत्वपूर्ण पद से इस्तीफा दे दिया। बताया जाता है कि वैशाली से चार बार सांसद रहे रघुवंश बाबू को साल 2014 में लोजपा की टिकट से रामा सिंह ने मात दिया था। तब से दोनों नेताओं में सियासी घमासान मचा हुआ है। हालांकि पूर्व में एक बार और रामा सिंह ने राजद में जगह बनाना चाहे थे लेकिन उस वक्त रघुवंश बाबू के आगे पार्टी की एक नहीं चली थी।
रघुवंश बाबू की नाराजगी से विपक्ष को मिल सकता है बड़ा फायदा
राजद को सवर्णों का वोट दिलाने वाले इस बड़े चेहरे की नाराजगी सेे अन्य विपक्षी पार्टियों की ओर से कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। क्योंकि रघुवंश बाबू का वैशाली लोकसभा क्षेत्र के सवर्णों पर बड़ी पकड़ मानी जाती है ऐसे में उनकी नाराजगी को लेकर विपक्ष का कहना है कि राजद में वरीय नेता का अनादर हुआ है, और यह सिलसिला जारी है। भोला यादव को एमएलसी बनाने की मांग को लेकर उनके समर्थकों का राबड़ी देवी के आवास पर प्रदर्शन इसका ताजा उदाहरण है।