पटना:सलमान खान की दबंग में खलनायक छेदी सिंह उर्फ सोनू सूद इन दिनों प्रवासी मजदूरों के रहनुमा बने हुए है। वह, गरीब मजदूरों के लिए शक्तिमान के नए रूप में सब के सामने आए है। हजारों मजदूरों को वह अब तक मुंबई से बिहार और यूपी भेज चुके हैं। लेकिन, क्या आपको सोनू सूद (Sonu Sood) के बारे में जानते हैं कि वह एक इंजीनियरिंग के छात्र होकर फिल्मी दुनिया में कैसे आ गए। अगर नहीं तो पोस्ट2पीलर आपको बता रहा है।
पंजाब के मोगा में जन्म
सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई 1973 को पंजाब के मोगा में हुआ था। वह एक बिजनेस परिवार से ताल्लुक रखते थे। हालांकि उनकी मां एक प्रोफेसर थी। वह चाहती थीं कि सोनू इंजीनियर बनें। सोनू ने उनकी ये इच्छा पूरी भी और इसके लिए वह नागपुर के यशवंतराव चव्हाण महाविद्यालय से इलेक्ट्रानिक इंजीनियर की डिग्री लेकर बाहर निकले, लेकिन इसी दौरान उन्हें मॉडलिंग का चस्का लग गया और वह अपनी मां से एक साल का समय मांग कर मॉडलिंग और फिल्मों में करियर बनाने के लिए मुंबई आ गए।
दक्षिण भारतीय फिल्म में पहला ब्रेक मिला
सोनू सूद को पहला ब्रेक दक्षिण भारतीय फिल्म से मिला। उन्होंने अपनी पहली फिल्म 1999 में तमिल फिल्म कालजघर में पादरी की भूमिका से की थी। इसके बाद तमिल फिल्म ‘मजनू’ (2001) से उनकी पहचान साउथ में बन गई। वहीं सोनू ने हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय की शुरुआत ‘शहीद-ए-आजम भगत सिंह’ के रोल के साथ की। इसके बाद उन्हें मणिरत्नम की युवा और आशिक बनाया आपने में अभिषेक बच्चन के भाई का रोल मिला।
दबंग में छेदी सिंह से मिली पहचान
सलमान खान की दबंग में खलनायक छेदी सिंह की भूमिका के लिए सोनू सूद को दो अवार्ड मिले। पहला अप्सा अवार्ड और दूसरा आईआईएफए सर्वश्रेष्ठ खलनायक का पुरस्कार। इस फिल्म से सोनू सूद की एक अलग पहचान मिली। एक इंडियन वेबसाइट द्वारा किए टॉप इंडियन हैंडसम मैन में सोनू सूद भी शामिल हैं।
शुरुआत के दिन नहीं भूले सोनू
सोनू जब मुंबई फिल्मों में करियर बनाने आए थे तो एक फ्लैट में 5-6 लोगों के साथ रहते थे। काम की तलाश जारी थी, लेकिन हर जगह से रिजेक्शन मिल रहा था। परिवार से पैसा मांगना उन्हें अच्छा नहीं लगता था, इसलिए वह बहुत तंगी में जीवन जीते रहे जबतक की उनको पहला ब्रेक नहीं मिला।
हर जगह हो रही है चर्चा
प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए इन दिनों सोनू सूद की चर्चा हर जगह हो रही है। सोशल मीडिया पर वह ट्रेंड कर रहे हैं। एक दरियादिल इंसान की छवि उनकी उभरी है। वह हर किसी को प्रेरणा दे रहे हैं कि कैसे एक इंसान लाखों बेसहारा की मदद कर सकता है।